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यूपीआई पेमेंट के बदले नियम... ज्‍यादा सहूलियत, बंदिशें कम, इस बड़े फैसले का आपके ल‍िए क्‍या है मतलब

Updated on 28-12-2024 01:30 PM
नई दिल्‍ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बड़ा ऐलान किया है। यूपीआई पेमेंट्स अब KYC वेरिफाइड प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) से भी हो सकेंगे। पीपीआई में फोनपे, पेटीएम, गूगल पे जैसे डिजिटल वॉलेट शामिल हैं। यह सुविधा थर्ड-पार्टी यूपीआई ऐप्स के जरिए मिलेगी। इससे ग्राहकों को ज्‍यादा सहूलियत होगी। पहले, यूपीआई पेमेंट्स सिर्फ बैंक अकाउंट से ही किए जा सकते थे। पीपीआई से यूपीआई पेमेंट करने के लिए पीपीआई जारी करने वाले की ऐप का ही इस्तेमाल करना पड़ता था। आरबीआई अब इस नियम को बदल रहा है। वॉलेट यूजर्स को अब पीपीआई जारी करने वाले पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वे किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप से यूपीआई के जरिए वॉलेट से पेमेंट कर सकेंगे। आरबीआई ने 27 दिसंबर, 2024 को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया। आरबीआई के इस फैसले से गिफ्ट कार्ड, मेट्रो रेल कार्ड और डिजिटल वॉलेट जैसे पीपीआई (प्रीपेड प्रोडक्‍ट) धारकों को अधिक सुविधा होगी।

आरबीआई ने क्‍या कहा है?

आरबीआई ने कहा, पीपीआई जारी करने वाला KYC वेरिफाइड पीपीआई होल्डर्स को यूपीआई पेमेंट करने की सुविधा देगा। इसके लिए ग्राहक के पीपीआई को यूपीआई हैंडल से लिंक करना होगा। यूपीआई ट्रांजैक्शन को ग्राहक के मौजूदा पीपीआई क्रेडेंशियल्स से वेरिफाई किया जाएगा। ऐसे ट्रांजैक्शन यूपीआई सिस्टम में पहुंचने से पहले ही अप्रूव हो जाएंगे
RBI ने आगे कहा, पीपीआई जारी करने वाला किसी बैंक या दूसरे पीपीआई जारी करने वाले के ग्राहकों को ऑनबोर्ड नहीं करेगा। RBI ने यह भी बताया, 'पीपीआई जारी करने वाला KYC वेरिफाइड PPI को थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स पर डिस्कवर करने की सुविधा भी दे सकता है। ये थर्ड-पार्टी ऐप्स ऐसे पीपीआई को अपने PSP हैंडल से लिंक कर सकेंगे। थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स से PPI के जरिए होने वाले UPI ट्रांजैक्शन को UPI क्रेडेंशियल्स से वेरिफाई किया जाएगा।

यह कैसे काम करेगा?

पीपीआई का मतलब है प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स। इनमें फोनपे, पेटीएम, गूगल पे जैसे डिजिटल वॉलेट शामिल हैं।
पीपीआई जारी करने वाले को अपने ग्राहकों के पीपीआई को यूपीआई हैंडल से लिंक करना होगा। इससे सिर्फ पूरे KYC वेरिफाइड पीपीआई होल्डर्स ही यूपीआई पेमेंट कर पाएंगे। पीपीआई से यूपीआई ट्रांजैक्शन को ग्राहक के मौजूदा पीपीआई क्रेडेंशियल्स से वेरिफाई किया जाएगा। इस तरह यह ट्रांजैक्शन यूपीआई सिस्टम में पहुंचने से पहले ही अप्रूव हो जाएगा।

इंटरऑपरेबल हो जाएंगे वॉलेट्स

बैंकिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि पीपीआई वॉलेट्स अब इंटरऑपरेबल हो जाएंगे। मतलब, अलग-अलग वॉलेट्स आपस में जुड़ जाएँगे। ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर विवेक अय्यर के मुताबिक, पीपीआई के लिए यूपीआई एक्सेस पेमेंट इकोसिस्टम में इंटरऑपरेबिलिटी की दिशा में बड़ा कदम है। RBI का उद्देश्य UPI को पूरे इकोसिस्टम में फैलाना है। इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और नए इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।

एक्सिस बैंक के प्रेसिडेंट और हेड (कार्ड्स एंड पेमेंट्स) संजीव मोघे ने कहा कि इससे सभी KYC वेरिफाइड पीपीआई वॉलेट्स इंटरऑपरेबल हो जाएंगे। जैसे बैंक अकाउंट और RuPay क्रेडिट कार्ड किसी भी UPI ऐप से लिंक हो सकते हैं, वैसे ही पीपीआई वॉलेट्स भी लिंक हो सकेंगे। अब Paytm, PhonePe, Freecharge जैसे PPI वॉलेट होल्डर्स अपने वॉलेट्स को थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स से लिंक करके पेमेंट कर सकेंगे।

रिसर्जेंट इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ज्योति प्रकाश गड़िया ने कहा कि इससे पीपीआई को किसी भी थर्ड-पार्टी यूपीआई ऐप जैसे PhonePe, Google Pay आदि से लिंक करके डिजिटल पेमेंट किया जा सकेगा। यह पीपीआई को बैंक अकाउंट के बराबर लाएगा।

स्पाइस मनी के फाउंडर और सीईओ दिलीप मोदी ने कहा, आरबीआई का यह फैसला देश में फाइनेंशियल इन्क्लूजन को बढ़ावा देगा। पीपीआई और यूपीआई के बीच की खाई को पाटकर यह पहल लाखों यूजर्स के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन को आसान बनाएगी। ग्रामीण इलाकों में, जहां बैंकिंग सुविधाएं सीमित हैं, यह एक महत्वपूर्ण कदम है।'

कैसे आपको होगी सहूल‍ियत?

इसका मतलब है कि अब आप अपने पूर्ण-KYC पीपीआई से भुगतान करने के लिए किसी भी यूपीआई ऐप का उपयोग कर सकते हैं। पूर्ण-KYC का अर्थ है कि आपने अपनी पहचान और अन्य विवरणों को सत्यापित करके अपने वॉलेट प्रदाता के साथ नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया पूरी कर ली है।

उदाहरण के लिए अगर आप मुख्य रूप से फोनपे का उपयोग करते हैं। लेकिन, गूगल पे के जरिये भुगतान करना चाहते हैं तो अब आप सीधे अपने फोनपे वॉलेट बैलेंस का उपयोग करके गूगल पे ऐप के जरिये वह भुगतान कर सकते हैं।

RBI की वेबसाइट के अनुसार, यहां कुछ महत्वपूर्ण FAQs दिए गए हैं:

प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPIs) क्या हैं?

PPIs ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स हैं जो सामान और सेवाओं की खरीदारी, वित्तीय सेवाओं के संचालन, रेमिटेंस सुविधाओं आदि को सुगम बनाते हैं।

PPIs के जारीकर्ता कौन हैं?

PPIs बैंक और गैर-बैंक जारी कर सकते हैं। बैंक आरबीआई से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद PPIs जारी कर सकते हैं। गैर-बैंक PPI जारीकर्ता भारत में निगमित कंपनियां हैं जो कंपनी अधिनियम, 1956/2013 के तहत पंजीकृत हैं। वे RBI से प्राधिकरण प्राप्त करने के बाद व्यक्तियों/संगठनों को PPIs जारी करने के लिए एक पेमेंट प्रणाली संचालित कर सकते हैं।

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