रायपुर/भिलाई, छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ के शराब घोटाले में मंगलवार को आर्थिक अपराध शाखा(ईओडब्ल्यू) की टीमों ने बड़ी कार्रवाई की। एजेंसी की टीमों ने दुर्ग-भिलाई, धमतरी, महासमुंद समेत 39 जगह पर छापेमारी की। शाम 6 बजे तक जांच चलती रही। छापे में ईओडब्ल्यू ने 90 लाश कैश, लाखों के जेवर और प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद किए हैं। यह कार्रवाई पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबियों के 13 ठिकानों में छापेमारी के बाद की गई है। मंगवार की कार्रवाई के बाद एक दर्जन लोगों को समन जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू की टीम सुबह 4 बजे भिलाई आम्रपाली अपार्टमेंट निवासी स्टील कारोबारी अशोक अग्रवाल के घर पहुंची। दूसरी टीम अशोक के भाई विनय गोयल के खुर्सीपार स्थित मकान में पहुंची। धमतरी में सौरभ अग्रवाल और महासमुंद में जय भगवान व कैलाश अग्रवाल के यहां बी जांच की गई।
पूर्व मंत्री और कारोबारी के करीबी जांच के घेरे अधिकारियों ने बताया कि जिनके यहां छापा मारा गया है वे सभी कारोबारी हैं। इनकी फर्म और कंपनियों में शराब घोटाले की रकम का निवेश हुआ है। इसमें ज्यादातर पूर्व आबकारी मंत्री लखमा और भिलाई के कारोबारी पप्पू बंसल के करीबी हैं। पप्पू पूर्व सीएम का भी करीबी है। पप्पू के खिलाफ कई जांच चल रही है।
झारखंड घोटाले की जांच सीबीआई को छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू में दर्ज झारखंड शराब घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। राज्य सरकार ने इसकी अनुशंसा की है। क्योंकि इसमें झारखंड के दो आईएएस अधिकारियों को आरोपी बनाया है। वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। झारखंड सरकार ने भी उन पर कार्रवाई की अनुमति नहीं दी है।
शराब घोटाले में पूर्व मंत्री आईएएस, आईटीएस जेल में शराब घोटाला में पिछले चार माह से पूर्व आबकारी मंत्री रायपुर जेल में कैद है। उन्हें हर माह दो करोड़ रुपए कमीशन जाता था। उनके अलावा रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, आईटीएस अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर भी जेल में है। कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नीतेश पुरोहित और अरविंद सिंह को इस मामले में जमानत मिल गई है।
शेल कंपनी बनाकर शराब घोटाले की कमाई को ठिकाने लगाने का शक
एसीबी-ईओडब्ल्यू की टीम मंगलवार सुबह 5 बजे दुर्ग-भिलाई के 12 उद्योगपतियों के ठिकाने पर पहुंची। कई स्थानों से टीम शाम होते ही लौट गई। जबकि कुछ ठिकानों पर देर रात तक कार्रवाई जारी रही। टीम जिन लोगों के घर पहुंची, उनमें से कई लोग पप्पू बंसल, बड़े कांग्रेसी नेता और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से जुड़े हैं।
ज्यादातर उद्योगपति स्टील कारोबार से जुड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि टीम ने शेल कंपनी बनाकर शराब घोटाले की कमाई को ठिकाने लगाने की आशंका पर कार्रवाई की है। जांच के दौरान पता चला है कि आबकारी घोटाले के मास्टरमाइंड समेत अन्य संदेहियों ने घोटाले से अर्जित अवैध राशि को विभिन्न उद्योगपतियों के माध्यम से व्यवसायों और संपत्तियों में निवेश किया है।
इनके यहां छापा {एसके केजरीवाल, नेहरू नगर भिलाई {स्टील कारोबारी अशोक अग्रवाल, आम्रपाली अपार्टमेंट भिलाई {कारोबारी विनय अग्रवाल, भिलाई खुर्सीपार {डॉ. संजय गोयल डायरेक्टर स्पर्श हॉस्पिटल भिलाई {बिल्डर विश्वास गुप्ता बिल्डर दुर्ग {स्टील कारोबारी बंसी अग्रवाल भिलाई {होटल कारोबारी आशीष गुप्ता दुर्ग {लोहा कारोबारी सीस बंसल कुम्हारी {मिथलेश तिवारी उर्फ मिंटू भिलाई {कारोबारी सौरभ अग्रवाल धमतरी {जय भगवान अग्रवाल, बसना {कैलाश अग्रवाल महासमुंद
घोटाले में पूर्व मंत्री लखमा जेल में बंद छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू में दर्ज झारखंड शराब घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। राज्य सरकार ने इसकी अनुशंसा की है। बता दें कि शराब घोटाला में पिछले चार माह से पूर्व आबकारी मंत्री रायपुर जेल में कैद है। उन्हें हर माह दो करोड़ रुपए कमीशन जाता था। उनके अलावा रिटायर आईएएस अनिल टुटेजा, आईटीएस अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर भी जेल में है।
झारखंड: दो आईएएस अफसर गिरफ्तार रांची| झारखंड के शराब घोटाला मामले में एसीबी ने कार्रवाई की। राज्य सरकार को 38 करोड़ की हानि पहुंचाने का मामले में दो आईएएस अफसर गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव व तत्कालीन निदेशक, झारखंड रॉच वैबरेजेज कॉरपोरेशन लि. आईएएस विनय कुमार चौबे व संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह शामिल हैं। विशेष कोर्ट ने पेशी के दौरान उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।